जैसे कि खबर है कि आगरा में मेट्रो शुरू करने के लिए जल्द ही नीव रखी जाएगी। बताया जा रहा है कि आगरा की मेट्रो लखनऊ की मेट्रो के मुकाबले ज़्यादा आधुनिक होगी, फिर चाहे वो मेट्रो कोच हो या सिग्नल प्रणाली सारे माध्यमों से आगरा की मेट्रो आधुनिक होने वाली है।
आगरा मेट्रो की कोचो में एल ई डी स्क्रीन भी लगाई जाएगी। साथ ही यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव का कहना है कि “आगरा मेट्रो में एडवांस फीचर लगाए जा रहे हैं, जो इसे अन्य शहरों की मेट्रो से बेहतर बनाएंगे।”
आगरा की मेट्रो को खास बनाने की एक बड़ी वजह ताजमहल भी है। क्यूंकि ताजमहल के कारण आगरा में देश – विदेश से पर्यटकों का जमावड़ा लगा ही रहता है। आगरा की मेट्रो कोच में LED स्क्रीन की व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि आगरा आने वाले पर्यटक आगरा की संस्कृति, इतिहास और विरासत को “visual” तरीके से जान पाए।
कुमार केशव का ये भी कहना है कि “आगरा में लाइट मेट्रो चलेगी, लेकिन इसके कोच सभी सुविधाओं से युक्त होंगे। हर कोच में लगी LED स्क्रीन पर आगरा के इतिहास के साथ साथ, स्टेशन और ट्रेन कि गति का भी पता लगाया जा सकता है। मेट्रो में सुरक्षा और निगरानी के लिए भी उचित व्यवस्था की गई है।”
2022 तक आगरा में मेट्रो लाने का लक्ष्य मेट्रो कॉर्पोरेशन को दिया गया है। कुमार केशव ने जानकारी देते हुए कहा कि 2022 में पहले कॉरिडोर सिकंदरा से ताजमहल पूर्वी गेट पर छह स्टेशन में मेट्रो का संचालन किया जाएगा। इसके बाद ताजमहल पूर्वी गेट से जामा मस्जिद तक मेट्रो संचालित की जाएगी। इनमे छह स्टेशन को तीन – तीन के भाग में बाटा है, तीन स्टेशन एलिवेटेड और तीन अंडरग्राउंड स्टेशन होंगे। साथ ही कुमार केशव ने बताया कि जल्द ही तीन स्टेशनों का टेंडर होने जा रहा है, इसका प्रस्ताव यूरोपियन बैंक को भी भेज दिया जाएगा। और आगे आने वाले समय में मेट्रो ट्रैक को आगे बढ़ाया जाएगा।
ट्रांसप्लांट किए जाएंगे पेड़।
जहां मेट्रो संचालन का काम आगरा में आरंभ होने वाला है, वही एक समस्या ये भी है कि, मेट्रो स्टेशन के निर्माण में कई पेड़, लगभग 1823 पेड़ बीच मे आ रहे हैं। मेट्रो कॉर्पोरेशन का लगातार ये प्रयास है कि निर्माण में कम से कम ही पेड़ काटे जाएं। ये भी निश्चित किया गया है कि जितने पेड़ काटे जाएंगे उसके 10 गुना ज़्यादा पेड़ लगाए भी जाएंगे। और पेड़ लगाने के लिए फतेहाबाद तहसील में करीब 21 हेक्टर जमीन संरक्षित वन के लिए घोषित की जा चुकी है। करीब 303 पेड़ ऐसे हैं जिनका एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रत्यारोपण किया जा सकता है।
Jaysi works as a co-author and content writer. Expertise in search engine optimization. Passionate about content writing and voice over. Feel free to contact her at jaysi@liveakhbar.in
