Kumbh Mela will be held in Haridwar in 2021
हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन मेष राशि में सूर्य तथा कुंभ राशि में बृहस्पति होने पर ही होता है। वर्ष 2022 में ऐसा योग बनना संभव नहीं।उज्जैनी विद्युत परिषद की बैठक में इस विषय पर चर्चा की गई। इस बात का निर्णय लिया गया कि 2022 की जगह 2021 में कुंभ का आयोजन किया जाएगा।
KUMBH 2021 IN HARDWAR
शाही स्नान के दिन की सूची इस प्रकार है-
गुरुवार 11 मार्च (महाशिवरात्रि)
सोमवार 12 अप्रैल (सोमवती अमावस्या)
बुधवार 14 अप्रैल (मेष संक्रांति और वैशाखी)
मंगलवार 27 अप्रैल (चैत्र मास की पूर्णिमा)
प्रमुख स्नान के दिन की सूची इस प्रकार है-
गुरुवार 14 जनवरी (मकर संक्रांति)
शुक्रवार 11 फरवरी (मौनी अमावस्या)
मंगलवार 16 फरवरी (बसंत पंचमी)
शनिवार 27 फरवरी (माघ पूर्णिमा)
मंगलवार 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (हिंदी नव वर्ष)
बुधवार 21 अप्रैल (रामनवमी)
जाने कुंभ मेले के आयोजन का कारण:-



कुंभ का संबंध समुद्र मंथन की प्रचलित कथा से है।कथा अनुसार यह बताया जाता है कि प्राचीन काल में महर्षि दुर्वासा के दिए हुए श्राप की वजह से स्वर्ग से ऐश्वर्या (स्वर्गीय श्री हीन )धन,वैभव,ऐश्वर्य सभी खत्म हो गया था। तत्पश्चात समस्त देवता गण भगवान विष्णु के पास गए और भगवान विष्णु द्वारा उन्हें मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। भगवान विष्णु ने कहा देवताओं को असुरों के साथ मिलकर समुद्र मंथन करना होगा।भगवान विष्णु ने बताया समुद्र मंथन से अमृत की प्राप्ति होगी।अमृत पान करने के बाद देवता गण अमर हो जाएंगे। देवताओं ने यह बात असुरों के राजा बलि को बताई तो वह भी तैयार हो गए। मंथन में मद्रा चल पर्वत और बासुकी नाग की मदद ली गई दोनों की सहायता से समुद्र मंथन किया गया।
मंथन में 14 रत्न की प्राप्ति हुई ( कालकूट,विश,कामधेनु, एरावत हाथी,अप्सरा रंभा,महालक्ष्मी,वरुण देवी,कल्पवृक्ष चंद्रमा,पारिजात वृक्ष,पांचजन्य शंख, उच्चैश्रव घोड़ा, कौस्तुभ मणि, भगवान धनवंतरी अपने हाथों में अमृत कलश लेकर निकले थे।
अमृत का पान देवता और राक्षस दोनों ही करना चाहते थे। अमृत के कारण देवताओं और राक्षसों में युद्ध होने लगा। युद्ध के दौरान अमृत की चार बूंदे हरिद्वार,नासिक, प्रयागराज और उज्जैन में गिरी। देवताओं और राक्षसों का युद्ध 12 वर्षों तक चला इसी कारण वर्ष 12 वर्ष में चारों जगहों पर एक बार कुंभ के मेले का आयोजन होता है।
More Stories
Delhi High Court : शादी के वादे पर सेक्स हमेशा नहीं होता बलात्कार
2021 में छात्रों के लिए बड़ी राहत,साल में 4 बार होगी JEE Mains की परीक्षा
नागरिकता पाना था अंतिम इच्छा,104 वर्षीय चंद्रधर दास अब नहीं रहे