इस समय कहा जा रहा है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर इन सर्दियों में फिर से आने वाली है। ऐसे में त्योहारों का मौसम है तो लोगों को ज़्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।
लेकिन जैसे की हमने दुर्गा पूजा के समय देखा, त्योहारों की भीड़ कई ज़्यादा बढ़ गई और साथ ही लोगों ने कोविड के नियमों की भी धज्जियां उड़ा दी। लेकिन अब बात यह है कि क्या दिवाली जैसे बड़े त्योहार पर सरकार लोगों को रोक पाएगी? क्या दिवाली पर पटाखों की बिक्री पर बैन लगेगा? यह कुछ सवाल हैं जिनका उत्तर मिलना बहुत ज़रूरी है।


दिवाली के समय पर पटाखों से निकलने वाला धुआं कोविड के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है। साथ ही जिन्हें फेफड़ों या स्वास संबंधी बीमारी है उनके लिए तो ये और भी ज़्यादा घातक हो सकता है। इसी पर राज्यो की कुछ सरकारें विचार विमर्श कर रही हैं। अभी बृहस्पतिवार को IMA के कुछ अधिकारियों ने कोविड की महामारी को देखते हुए झारखंड सरकार और वहां के लोगों से निवेदन किया है कि इस बार दिवाली को “smoke free” बनाए।
यह अपील IMA के द्वारा दुर्गा पूजा की शुरुवात में भी की गई थी। उस समय पूरे झारखंड में त्योहार की भीड़ ने कोविड के सारे नियमों को तोड़ा था और कई सारे पंडाल भी लगाए गए जिनमें भारी मात्रा में लोग एक साथ नजर आए और social distancing का पालन नहीं हुआ। कई हैल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है के नवंबर में तापमान के गिरने के साथ ही कोविड का खतरा बढ़ गया है। और उसमे पटाखों के धुएं से प्रदूषण का बढ़ना साथ ही दिल्ली में तो प्रदूषण के काफी बुरे हालात हैं तो अब आप खुद ही विचार करे के ये कितनी भयावह परिस्थिति होने वाली है अगर पटाखों पर बैन नहीं लगाया गया तो।
IMA के एक्सपर्ट्स कहना है के दिवाली का त्योहार परिस्थिति को बहुत ज़्यादा बिगाड़ सकता है। साथ ही उनका यह भी कहना है कि जो लोग कोविड के मरीज़ हैं और घर पर इलाज ले रहे हैं उनके लिए बहुत जरूरी है कि बाहर की हवा साफ हो। अगर हमने दिवाली पर भी खुद पर काबू नहीं पाया तो इससे कोविड के खिलाफ हमारी जंग बहुत ही मुश्किल हो जाएगी।
झारखंड के critical care and trauma के हेड डॉक्टर प्रदीप भट्टाचा रजी का कहना है कि सर्दियों में सूखी हवा के चलते सांस लेने बहुत लोगों को दिक्कत होती है। तो अगर हम उसमे और ज़्यादा धुआं सम्मिलित करते हैं तो यह भयावह होगा। पटाखों से निकलने वाले तत्व ज़्यादा देर तक ठंडी हवा में मौजूद रहते हैं।


आपको बता दें कि NGT ने भी ये सवाल उठाया है कि क्या एनसीआर के शहरों में 7 नवंबर से 30 नवंबर तक पटाखे बैन नहीं हो सकते?
दिल्ली के हैल्थ मिनिस्टर का कहना है कि त्योहारों के मौसम में वायु प्रदूषण के तहत कोविड – 19 के केसेज में लगातार एनसीआर में बढ़ोतरी हो रही है। और अब ये केसेज हर दिन 5000 से बढ़ रहे हैं।
तो इन आंकड़ों से हमें समझना चाहिए के हमें सावधानी बरतने की कितनी आवश्यकता है। ये सावधानी हमें कोविड जैसी भयावह महामारी से बचा सकती है। हमें याद रखना है की अनलॉक हुआ है परन्तु हमें नियमों का पालन करना नहीं छोड़ना है। सिर्फ यही सावधानी हमें इस महामारी से बचा सकती है।

