Garima- Liveakhbar Desk
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को जेईई मेन परीक्षा से संबंधित एक बड़ा ऐलान किया है। इसके मुताबिक ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड अगले वर्ष से इस परीक्षा का आयोजन और भी अधिक क्षेत्रीय भाषाओं में करेगा। इस फैसले को नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है जिसमें क्षेत्रीय भाषाओं को स्कूली शिक्षा स्तर पर प्रोत्साहित करने की बात कही गई है।
ट्वीट कर दी जानकारी
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए कहा कि एनईपी यानी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 को मद्देनज़र रखते हुए जेएबी ने अगले वर्ष से जेईई मेन की परीक्षा कई और क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने का निर्णय लिया है। इन सब बातों के अलावा उन्होंने कहा कि जो भी राज्य इंजीनियरिंग के लिए प्रवेश परीक्षाएं अपने क्षेत्रीय भाषाओं में कराते हैं, जेएबी उन सभी भाषाओं में जईई कराएगा। अपने यहां के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन लेते वक्त वहां की क्षेत्रीय भाषा को परीक्षा में सम्मिलित किया जाएगा।
पीसा का दिया हवाला
रमेश पोखरियाल ने कहा की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हम सबका ध्यान इस बात पर केंद्रित किया कि पीसा की परीक्षा में सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रहे देशों ने दिशा निर्देशों का माध्यम मातृभाषा ही रखा था। अपनी बातों को रखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने यह स्पष्ट किया इस फैसले के दूरगामी प्रभाव होंगे और जेएबी का फैसला स्टूडेंट्स को प्रश्नों को बेहतर ढंग से समझने और अच्छा स्कोर करने में मदद करेगा।
किन भाषाओं में होता है आयोजन
वर्तमान समय में एनटीए द्वारा ली जाने वाली ज्वाइंट एंटरेंस एग्जामिनेशन की परीक्षा हिंदी, अंग्रेजी के अलावा गुजराती भाषा में भी होती है। अगले साल से इस सूची में असमी, बांग्ला, कन्नड़, तमिल, उर्दू, उड़िया, मराठी और तेलुगु भाषा भी शामिल हो जाएंगे। इसके लिए तैयारियां जारी हैं।
ममता ने उठाया था सवाल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में यह सवाल उठाया था की अगर परीक्षा गुजराती भाषा में कराई जा सकती है तो बंगाली में क्यों नहीं? इसके बाद शिक्षा मंत्री की उपरोक्त घोषणा उस दिन हुई जब बीजेपी ने बिहार राज्य में अपने चुनावी घोषणा पत्र में तकनीकी शिक्षा को हिंदी भाषा में उपलब्ध कराने का पक्ष लिया। इस घोषणापत्र में भाजपा ने लोगों को यह भरोसा दिलाया है कि बिहार में इंजीनियरिंग मेडिकल सहित तकनीकी शिक्षा को भी हिंदी में मुहैया कराया जाएगा।
दो बार होती है परीक्षा
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जेईई की परीक्षा साल में दो बार लेती है। जनवरी और अप्रैल में होने वाले इस परीक्षा में इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते देरी हो गई थी। आगे के लिए एनटीए तैयारियों में लग गया है।
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