बीते कई सालों में ऐसा पहली बार हो रहा है की गंगा नदी में डॉल्फिनों की संख्या अपनी चरम पर है । इस अनोखी घटना के चलते देशभर से लोग गंगा नदी के तटों पर भीड़ लगाकर डॉल्फिनों के करतब देखने उमड़ पड़े है।
सुल्तान गंज के आस पास 70 किलोमीटर वर्ग के छेत्र को सन 1990 में डॉल्फिनों की सेंचुरी के रूप में स्थापित किया गया था । आज इसी छेत्र में गंगा की गाय कही जाने वाली डॉलफिन भारी तादाद में प्रजनन कर रही है । बीते कई दिनों के लॉक डाउन समेत कई अन्य वजहों के कारण गंगा नदी में प्रदूषण की मात्रा कम हुई है , जो की इन सुंदर जीवो के लिए किसी वरदान से कम नही ।
पर्यटको की लगी रेल
शाम में समय आब क्षेत्रीय समेत कई पर्यटक डॉल्फिनों की और आकर्षित होते जा रहे है। कई कई जगहों पे तो राज्य की सरकार ने इन नज़ारों को देखने के लिए व्यवस्था भी कर दी है। छोटे बच्चे जिनका रुझान आज कल प्राकृतिक चीज़ों में कम नज़र आता है वे भी डॉल्फिनों के रोमांचक नज़ारों की तरफ खिंचे चले आ रहे है।
भागलपुर के रास्ते बहने वाली गंगा में अलग ही रौनक देखने मिल रही है , यहां सुबह से लेकर शाम तक सैकड़ो डॉलफिन करतब करते नज़र आ रही है। शाम ढलते समय दृश्य और भी ज़्यादा मनोहर हो जाता है। बीते कई सालों से गंगा के बढ़ते प्रदूषण के कारण कई जीव जंतुओं की तादाद में भारी गिरावट दर्ज की गई थी , लेकिन अब चीज़े धीरे धीरे सामान्य रूप धारण कर रही है।
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