ब्रिटिश काउंसिल ने एक महत्त्वपूर्ण फैसला लेते हुए, अपने वीसा के नियमों को काफी हद्द तक आसान किया है। ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि 2021 में पीएचडी करने वाले छात्रों को तीन वर्ष काम करने की इजाज़त दी जाएगी।
ब्रिटिश काउंसिल ने नई घोषणाओं को उत्साहजनक बताते हुए कहा कि इससे भारत और ब्रिटेन के बीच प्रतिभा और शोध को मजबूती मिलेगी। यही नहीं इससे नई खोज को बढ़ावा मिलेगा और शैक्षिक व्यवस्था मजबूत होगी। ब्रिटिश काउंसिल के भारत की निदेशक बारबरा विखम ने कहा, ब्रिटेन में शिक्षा और अपना करियर संवारने के लिए आने वाले भारत के पीएचडी छात्रों को फायदा होगा। उन्हें तीन साल का अनुभव मिलेगा।
गौरतलब है कि चीन के बाद सबसे ज्यादा भारत के ही छात्र वीजा के लिए आवेदन करते है। पिछले साल की तुलना में 2020 में ऐसे आवेदन में 32.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अभी हाल ही में भारतीय आईटी पेशेवरों को बड़ा झटका देते हुए अमेरिका ने एच-1बी वीजा के साथ ही अन्य विदेश कार्य वीजा जारी करने पर इस साल के अंत तक रोक लगा दी थी। ऐसे में ब्रिटेन के इस कदम से अमेरिका से मायूस भारत के दक्ष पेशेवरों के लिए बड़ी राहत मिली है।
H1B वीजा को लेकर लगातार हो रही चर्चा के बीच ब्रिटेन की ऐसी सौगात से आसानी बढ़ी है और नए अवसर पैदा होने की संभावना बढ़ी है।
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