CBSE की कई परीक्षा कोरोना वायरस के चलते पूरी नही हो सकी थी। इन विष्यो की परीक्षा 1जुलाई से 15 जुलाई के बीच लेने का फैसला हुआ था , कई अभिवावकों ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी भी दाखिल करी थी ।
कोरोना की ऐसी स्तिथि में परीक्षाओं का आयोजन कराना खतरे से खाली नही होता इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला लिया है । वही दूसरी ओर ICSE की भी परीक्षाओ को रद्द करा दिया गया था और छात्रों के मार्क्स आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर दिए जाने का फैसला लिया गया था। जिन छात्रों के आंतरिक मूल्यांकन में अंक कम थे उन्हें परीक्षा देने का भी विकल्प दिया गया है। ऐसा ही कुछ CBSE के छात्रों के साथ भी किया गया है , अगर उनके आंतरिक अंक कम है तो वे आयोजित दिन परीक्षा दे सकेंगे ।
कर्नाटक में जहाँ आज से बोर्ड्स परीक्षा शुरू करा दी गई है, वहां अभिवावकों का गुस्सा फूट पड़ा। कर्नाटक सरकार का कहना है की अभी इसलिए परीक्षा ले रहे है ताकि भविष्य में स्तिथि ज़्यादा खराब होने पर दिक्कतों का सामना न करना पड़े ।
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