25 जून,1975 का दिन सभी लोगो के लिए जानना बहुत ही ज़रूरी है। इस दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश भर में इमरजेंसी यानी आपातकाल की घोषणा की थी। भारत की राजनीति मे यह एक बहुत ही बड़ा बदलाव था।यह दिन हमेशा से ही विवाद में घिरा रहा है। इस दिन के बाद से भारत की राजनीति मे एक बड़ा बदलाव आया था।
क्या है आपातकाल के पीछे का कारण?
यह कहानी 1971 के रायबरेली के लोक सभा चुनाव की है। इंदिरा गांधी ने रायबरेली से जीत हासिल की थी लेकिन उनके सामने लड़ने वाले राजनारायण ने कोर्ट में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। ज़्यादातर लोग इसे इंदिरा गांधी बनाम राजनारायण के नाम से भी जानते हैं। इंदिरा गांधी ने काफी बड़े अंतर से राजनारायण जो कि संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के प्रतिनिधित्व के लिए थे।
राजनारायण इंदिरा गांधी के जीतने के बाद भी हार नही मानये और कोर्ट का दरवाजा ठक ठकाया। उन्होंने मुकदमा दर्ज करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने चुनाव जीतते वक़्त गलत संसाधनों का उपयोग किया है। कोर्ट मे उन्होंने सात मामलो को दर्ज करवाया।
पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को करार किया दोषी
12 जून,1975 को जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा को इंदिरा गांधी के केस का फैसला सुनाना था। उनके खिलाफ जो 7 मामले दर्ज हुए थे उनमें से 5 मामले खारिज कर दिए गए थे लेकिन 2 मामलो में उन्हें दोषी करार किया गया था। इसी के चलते उन्हें 6 साल तक चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराया गया था।
इंदिरा गांधी ने इस दिन की थी आपातकाल की घोषणा
इंदिरा गांधी ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट मे यह केस दाखिल किया। वहां के जज जस्टिस अय्यर ने हाई कोर्ट के फैसले को कुछ समय के लिए स्थिगित किया। जस्टिस अय्यर ने 24 जून,1975 को फैसला लिया कि इंदिरा गांधी संसद बैठक मे शामिल हो सकती है लेकिन वोट नही कर सकती। इस फैसले के बाद विपक्षी पार्टियां आपे से बाहार आ गयी और ज़ोर शोर से उनके खिलाफ कई प्रदर्शन किए। इसके चलते गांधी को 25 जून,1975 पूरे देश मे आपातकाल घोषित करना पड़ा।
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