भारत ने 2017 के लिए क्रय शक्ति समानता ( पीपीपी ) के मामले में चीन और अमेरिका के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति को बनाए रखा है और समेकित किया है ।
सकल घरेलू उत्पाद ( जीडीपी ) स्तर पर रुपये की प्रति डॉलर की पीपीपी 2011 में 15.55 से बढ़कर 2017 में 20.55 हो गई ,जबकि एक डॉलर की कीमत 46।67 से 65.12 बढ़ गयी है।वर्ल्ड बैंक ने अंतरराष्ट्रीय तुलना कार्यक्रम के अंतर्गत साल 2017 के लिए नए पीपीपी जारी किये जो विश्व के सभी देशों की अर्थव्यवस्थओं का अंतर समायोजित करते है।विश्व स्तर पर , 176 अर्थव्यवस्थाओं ने ICP के 2017 चक्र में भाग लिया ।
जानिये क्या है क्रय विक्रय शक्ति?
विभिन्न देशों में आय के स्तर की तुलना करने के लिए दुनिया भर में क्रय शक्ति समता का उपयोग किया जाता है। पीपीपी इस प्रकार प्रत्येक देश के डेटा को समझना और व्याख्या करना आसान बनाता है।
उदाहरण के तौर पर एक मैकडोनाल्ड आलू टिकी हनरे देश में करीबन 60 -70 रुपये की मिलती है ,वहीं दूसरी ओर विदेशों में इसकी कीमत 5-6 डॉलर हो जाती है करीबन 250 से 300 रुपये।
More Stories
Delhi High Court : शादी के वादे पर सेक्स हमेशा नहीं होता बलात्कार
2021 में छात्रों के लिए बड़ी राहत,साल में 4 बार होगी JEE Mains की परीक्षा
नागरिकता पाना था अंतिम इच्छा,104 वर्षीय चंद्रधर दास अब नहीं रहे