OHE यानि ओवर हेड इक्विपमेंट का सफलता पूर्वक प्रयोग किया जा चूका है। आपको अगर OHE के बारे में नहीं पता तो बता दे की ट्रेनों के ऊपर लगी होने वाली तार को OHE कहा जाता है। यह उपलब्धि 7. 57 मीटर उचाई वाली तर पर डबल स्टेक ट्रेनों को पहली बार चलाये जाने से है.जिसका भारत में पहले बार सफलता पूर्वक परीक्षण हो चूका है। इस तकनीक से कार्बन फुटप्रिंट कम होने के साथ साथ ग्रीन इण्डिया योजना को भी बढ़ावा मिलेगा।
इसका 10 जून को सफलता पूर्वक टेस्ट भी किया गया है। पीयूष गोयल ने बताया की कोरोना की ऐसी स्तिथि में भी इतनी बड़ी कामयाबी मिलना गर्व की बात है। इस तरह की खोज पुरे विश्व में और कही नहीं हुई।



दूसरी ओर भारतीय रेल को बीते दो महीनो में एक और विशेष उपलब्धता हासिल हुई। 24 मार्च से 10 जून के बीच भारतीय रेल ने 32.40 लाख वैगन चलाई जिन्होंने देश में ज़रूरी सामान की नियमित रूप से आपूर्ति करने में एक एहम भूमिका निभाई । दूध ,चीनी ,गेहू,नमक इत्यादि दैनिक गतिविधि वाले सामान को ले जाने वाली करीब 18 लाख वैगन चलाई गई। पिछले साल 6. 79 मिलियन टन खाद्यान का उत्पाद किया गया था जो की इस साल बढ़ कर 12.74 मिलियन टन हो चुका है।
कुल 3897 पारसल ट्रेने चलाई गई जिनमे से 3790 ट्रेने अपने नियमित समय पर चली , इन पारसल ट्रेनों द्वारा 1,39,196 टन समग्रिया लाई गई।
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