
कोरोना का इलाज करने के लिए उपयोग करी जाने वाली राजनिर्वाण बटी को अब बनाने की अनुमति इंडियन कॉउन्सिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च ने दे दी है। अभी तक इस दवा का प्रयोग गंभीर संक्रमितों पे कई बार किया जा चुका है और इसके असर से आईसीएमआर काफी खुश भी है।
इस एलोपैथ और आयुर्वेद के मिश्रण से बनी दवा को सैफई चिकित्सा विश्विद्यालय ने तैयार किया है, इसकी शोध में ऋषिकेश के आयुर्वेदाचार्य योगिराज निर्वाण ने भी सहायता करी है। शुरुआती दौर में इस दवा को कोरोना के अस्पतालों में ही बनाया जायेगा। इसके अगले चरण में यह दवा बाज़ारो में भी बिकने के लिए तैयार की जाएगी।
यह काढ़ा आयुर्वेद के 12 और एलोपेथी के 1 हिस्से को मिलाकर तैयार की गई है। इस आयुर्वेद काढ़े की जानकारी स्वास्थ मंत्री और योगी आदित्यनाथ को भी दी गई जिन्होंने इसकी परीक्षण रिपोर्ट देख कर इसे बनाने की अनुमति भी दे दी है।
दवा का टेस्ट 40 कोरोना के आखिरी स्टेज पर मौजूद संक्रमितों पर किया गया। जिसके परिणाम चौकाने वाले रहे ।शुरू के पांच दिनों में 26 कोरोना संक्रमित नेगेटिव हो गए। वही दूसरी और 10 वे दिन चार और मरीज़ सही हुए। सबसे हैरतअंगेज़ बात यह है की इस सही होने वालो में शुगर,दमा और हृदय रोग से पीड़ित भी कई लोग थे जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक थी। अभी 10 मरीजों का इलाज जारी है और उनकी स्तिथि पहले से बहतर बताई जा रही है।
स्वास्थ मंत्री से इस दवा को सबसे पहले कोरोना के अस्पतालों में तैयार करने को कहा है ,और जल्द ही यह दवा बाज़ारो में भी मिलने लगेगी.
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