कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से देशभर में विगत 3 महीनों से सैनिटाइजर ,मास्क, पीपीई किट की मांग तेज़ी से बढ़ चुकी है।मास्क लगाना आम ज़िन्दगी में शामिल हो चुका है।इसके बिना घर से बाहर निकलना खतरे से खाली नही और लौटते वक़्त आप कोरोना वायरस को अपने साथ अपने घर में ले आएंगे।यह वैश्विक बीमारी से अभी पूरी दुनिया लड़ रही है।
इसी बीच जमाखोरीयों ने इसे एक अवसर के रूप में ले किया और सैनिटाइजर,मास्क्स सभी चीज़ें निर्धारित कीमतों से दुगने भाव में बेच रहे है।इसी बीच बॉम्बे उच्च न्यायालय ने केंद्र से N -95 मास्क की कीमत पर पुनर्विचार करने को कहा जिससे इसे जमाखोरियों द्वारा भाव बढ़ाकर न बेचा जाए और सभी वर्ग के लोग इसे खरीदने में सक्षम रहे।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एस एस शिंदे की बेंच ने कहा की केंद्र को आवश्यक चीजों की कीमत को निर्धारित करने को कहा और N -95 मास्क की कीमत घटाने पर विचार करने को कहा।
जनहित याचिका जो न्यायालय में जो सुचेता दलाल और अंजलि दमानिया द्वारा दायर की गयी ।उसकी सुनवाई में कोरोना वायरस की वजह से देश भर में लोकडाउन के कारण मास्क और अन्य चीजों की कालाबाज़ारी की जा रही है जिसपर रोक लगाने की आवश्यकता है।
केंद्र सरकार के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने मंगलवार को अदालत को बताया की इसके तहत कोई योजना नही बनाई गयी है और सरकारी दखलंदाज़ी से मैक्स को 47 प्रतिशत की कम कीमत पर ही बेचा जा रहा है।इसी सिलसिले में ASG ने न्यायालय की बात को मान्य रखते हुए कीमत कम करने के विषय में विचार करेंगे ऐसी बात बतलाई है।
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