हर साल लगभग 500 करोड़ रुपए का फायदा करवाने वाले प्रो कबड्डी लीग के मौजूदा सीजन की शुरुआत जुलाई से होनी थी एवं खिलाड़ियों का ऑक्शन अप्रैल में होना था, परंतु कोरोनावायरस के चलते इस आयोजन पर खतरा मंडरा रहा है।
प्रत्येक सीजन के ऑक्शन पर लगभग 50 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। लीग में 200 से अधिक खिलाड़ी 12 टीमों में शामिल होते हैं। ऐसे में लीग का आयोजन ना होने से खिलाड़ियों को 50 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। एक सीजन के 3 लाख रुपए पाने वाले देशभर के 30 रेफरी को लीग में शामिल किया जाता है। लीग ना होने पर रेफरी को भी 90 लाख रुपए का नुकसान होगा। 5 साल के लीग के ब्रॉडकास्टिंग राइट्स 150 करोड़ के हैं। ऐसे में इनमें भी 30 करोड़ का नुकसान संभव है।
आयोजन को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा कबड्डी फेडरेशन की बैठक हुई जिसमें नवंबर-दिसंबर में आंठवें सीजन के आयोजन को लेकर चर्चा हुई।
आयोजन के लिए गाइडलाइन तैयार कर ली गई है। इसके अनुसार जिस राज्य में कोरोना के मरीजों की संख्या कम होगी, उस राज्य के किसी एक ही शहर में बिना दर्शकों के आयोजन किया जाएगा। मैच के दौरान सैनिटाइजेशन का पूर्ण रूप से ख्याल रखा जाएगा। सभी खिलाड़ियों को मैच के पहले 14 दिन क्वारैंटाइन में रखा जाएगा। परंतु आयोजन पर अंतिम फैसला खेल मंत्रालय और गृह मंत्रालय की ओर से अनुमति मिलने के बाद ही होगा।
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